Saturday, October 18, 2008

प्रभु कितनों को कितनी बार माफ करेंगे!

प्रभु कितनों को कितनी बार माफ करेंगे!

-अनाम
जैसा कि हर शहर सिर्फ़ अपने निवासियों की नज़र में होता है अब तक रायपुर बेशर्म था सिर्फ़ रायपुर वालों के लिए। लेकिन इस घटना ने इसे अब राष्ट्रीय स्तर का बेशर्म बना दिया या कहें कि न केवल राष्ट्रीय स्तर बल्कि मानवता के स्तर पर भी। घटना इस तरह की पहले गुवाहाटी में भी हो चुकी है। गुवाहाटी की घटना का संदर्भ मुझे याद नही/मालूम नही। पर रायपुर की घटना का संदर्भ मुझे मालूम है।शहर के एक मोहल्ले के एक अपार्टमेंट में एक स्त्री अपने दुधमुंहे बच्चे और अपनी रिश्तेदार लड़कियों के साथ रहती है। स्त्री पहले पीटा एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुकी है पीटा एक्ट अर्थात ज़िस्मफरोशी का कारोबार। स्त्री का कथन है कि वह अब यह सब छोड़ चुकी है, मोहल्ले वालों का कहना है कि स्त्री के कारण मोहल्ले की आबो-हवा खराब होती जा रही है। वो ऐसे कि यह स्त्री अपने घर मे मौजूद अन्य दोनो लड़कियों/स्त्रियों के साथ बालकनी पर बैठकर आते-जाते लड़कों/पुरुषों को इशारेबाज़ी करती रहती हैं। मोहल्ले वालों के अनुसार उन लोगों ने इस बाबत कई बार पुलिस को खबर की लेकिन कोई कारवाई नही हुई।बताया जाता है कि एक अप्रैल की रात को भी ये महिलाएं अपनी बालकनी पर बैठकर नीचे सड़क पर आते-जाते लोगों को इशारेबाज़ी कर रही थीं। ऐसे ही एक युवक को इशारेबाज़ी कर उपर बुलाया गया। जब वह युवक उपर पहुंचा तो महिलाओंम और उनके साथी एक लड़के ने डरा-धमका कर उसे लूटना शुरु कर दिया गया। लड़के ने विरोध स्वरूप शोर मचाया और तब मोहल्ले वाले वहां पहुंचे।मोहल्ले वाले वहां पहुचें और उन्होने अपना खेल शुरु किया। मोहल्ले वालों का आक्रोश इतना ज्यादा था कि उन्होने इस महिला और उसके साथी पुरुष के साथ साथी महिलाओं को मारा-पीटा। इसके बाद अति यह हुई कि बचते हुए वह महिला नीचे सड़क पर आ गई, मोहल्ले के पुरुषों की आदिम प्रवृति ने उसका कुर्ता और अंदरूनी वस्त्र फाड़ डाले, महिला टॉपलेस हो कर अपने को बचाने रोती हुई सड़क पर भागती रही।मीडिया को खबर मिल चुकी थी,न्यूज़ फ्लैश होने लगा था,टीवी चैनल के कैमरे लग गए थे,लड़की टॉपलेस सड़क पर दौड़ती दिख रही थी, और दिख रही थी हम पुरुषों की आदिम प्रवृति टॉपलेस की गई सड़क पर दौड़ती एक ऐसी महिला के रूप में जो पहले कभी वेश्यावृति में संलग्न रही थी!!भीड़ का कोई तंत्र नही होता। नक्कारखाने मे तूती की आवाज़ का क्या असर होता है?ऐसे मौके पर किसी ने कपड़े फाड़े जाने का विरोध किया भी हो तो क्या किसी ने सुना होगा?पता नही मेरे पड़ोस में ऐसी महिलाएं रहने आए और उनकी ऐसी हरकतें जारी रहे बालकनी पर बैठकर इशारेबाज़ी करने वाली,तो मेरी क्या प्रतिक्रिया होगी तब। आप अपनी कहें………

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