Friday, February 13, 2009

वैलेंटाइन डे परप्यार का इज़हार, उस पर बजरंग दल का प्रहार

  • हृदेश अग्रवाल

अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग

कोई प्रेम का पुजारी, कोई प्रेम के ख़िलाफ़




Thursday, February 12, 2009

संतों की वाणी

जिएं ऐसे की कल हो अंत, सिखें इतना की जीवन हो अनंत। दहेज मांगकर आप अपना सम्मान तो खोते ही हैं, साथ ही भिखारी होने का प्रमाण भी देते हैं।
क्रोध से मनुश्य दूसरों की बेइज्जती ही नहीं करता, बल्कि अपनी प्रतिश्ठा भी गंवाता है।
  • (सौजन्य से: लाला रामनारायण रामस्वरूप)