Thursday, May 7, 2009


मानव जीवन संघर्षों से भरा है!हर सिक्के के दो पहलू होते है,और हर पहलू की बराबर प्रायिकता!आज दुःख है तो कल सुख भी आएगा,और आज सुख है कल दुःख भी आएगा!जो पत्ते पेड़ पर लगे हैं उन्हें जमीं पर गिरना ही है!बसंत में फिर से नई कोंपलें खिलती हैं,फिर पतझड़ में सरे पत्ते धरती चूम लेते हैं!जो फूल खिला है उसे मुरझाना ही है!लेकिन नई कलियाँ खिलती हैं तो जीवन में एक आस जगाती है!जीवन के बाद मृत्यु,और मृत्यु के बाद जीवन,एक नया जन्म!एक नया रूप,नया नाम,नया चेहरा!लेकिन इन सबसे जूझते हुए सभी एक नए जीवन के लिए संघर्ष करते है,बनाते है नई राहें!
भारतीय लोकतंत्र का घमासान अपने अंतिम पड़ाव में है!फैसला जनता तो कर चुकी है,लेकिन निर्णय १६ मई को!कई बाहुबली अपने बाहुबल के दम पर चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं!सभी दल ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का दंभ भर रहे हैं!सभी प्रधानमंत्री बनने को आतुर,सभी की हार्दिक इच्छा!लेकिन कौन बनेगा प्रधानमंत्री?कौन पायेगा ये गद्दी?नतीजा १६ को स्पष्ट हो जायेगा!
खैर जो भी बने उसके सामने चुनौती की मंदी की मार से जूझते भारत को संपन्न राष्ट्रों में शुमार करना!देश के सारी परिस्थितियों से तालमेल बैठाकर देश को चलाना होगा!बनानी होगीं नई राहें!
देश में आर्थिक मंदी से कई युवा बेरोजगार हो चुके हैं,लेकिन दिल में एक आत्मविश्वास,सभी को नए आशियाने की तलाश,जो जल्द ही पूरी होगी क्यों कि वो बनाने को तत्पर हैं नई राहें!
हमारे कॉलेज का पहला बैच अपने कॉलेज जीवन से निकलकर पत्रकारिता के क्षेत्र में पदार्पण कर रहा है!सभी जोश से लबरेज,अटूट उत्साह,एक नई उमंग!कई छात्र पहले ही पदार्पण कर चुके हैं!जिनकी धमक से पूरा भोपाल और हिंदुस्तान गूंज रहा है!और बाकी भी अपनी चमक बिखेरने को व्याकुल है!सभी पाँचवे वेद की सेवा के लिए कमर कस चुके है!ये सभी नित नई-नई ऊचाइयों को छूकर अपने क़दमों को आगे बढाते रहें!संसार के तिमिर को चीरने वाले ज्ञान के दिव्य दीपक बनें!
कहते है "चिराग तले अँधेरा"
लेकिन ये सभी उस चिराग के नीचे के तम् को दूर करेंगे,ऐसी इनसे अपेक्षा!
खैर जीव में पाना और खोना तो लगा ही रहता है,लेकिन कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्त्तव्य पथ से न डिग कर मानव मात्र की सेवा करें!क्यों कि किसी ने कहा है
"कुछ खोना है कुछ पाना है
जीवन का खेल पुराना है
जब तक ये सांस चलेगी
यारा यूँ ही चलते जाना है"
सभी अपना प्रकाश पूरे हिन्दुस्तान में फैलाएं,इनकी प्रखर रश्मियों से सारा जग आलोकित हो,ऐसी हमारी आशा है!सभी पुरे संसार में बिखर जाएँ,ऐसा में इसलिए कह रहा हूँ क्यों कि मुझे महात्मा बुद्ध कि कहानी याद आ गयी!
"एक बार महात्मा बुद्ध एक गाँव में पहुचे!वहां के लोगों ने उनको गालियाँ दी,उनका अनादर किया!जाते समय भगवान् बुद्ध ने कहा-संगठित रहो!फिर दुसरे गाँव में पहुचे वहां के लोगों ने उनका आदर सत्कार किया,अच्छे लोग थे,रहने खाने की व्यवस्था की!चलते समय भगवान् ने कहा की पुरे विश्व में फ़ैल जाओ!यह सुनकर उनका एक शिष्य नाराज हो गया!भगवान् समझ गए!उन्होंने कहा कि एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है,मैंने ख़राब लोगों को इसलिए संगठित होने कहा जिससे दूसरे लोग उनसे प्रभावित न हो पायें और अच्छे लोगों को इसलिए बिखरने को कहा जिससे वे अपना प्रकाश सारे विश्व में फैला सकें!
यही मेरी हार्दिक इच्छा!
पत्रकारिता के क्षेत्र में पहला कदम रखने के लिए सभी लोगों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनायें!
खैर आप लोगों से बिछुड़ने का दुःख हमेशा महसूस होगा,क्यों कि आप हमारे सीनियर ही नहीं बड़े भाई भी हैं,लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है!इसलिए बस अपनी क्षत्र छाया सदा बनायें रखे,और जीवन के हर कदम पर हिमालय के उतुंग शिखर की भांति उचाइयां तय करें!बनाये अपनी नई राहें ......
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ.............
-कृष्ण कुमार द्विवेदी

1 comment:

vijay kumar sappatti said...

aap bahut accha likhte hai sir

badhai