tag:blogger.com,1999:blog-8905569407189437390.post828947984706818052..comments2011-02-19T08:29:35.941-08:00Comments on कसक उठी मेरे मन में...: भारतीय समाज मौलिक संस्थाएंkishan dwivedihttp://www.blogger.com/profile/06687179314878916244noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8905569407189437390.post-86804494448491463332009-04-30T07:15:00.000-07:002009-04-30T07:15:00.000-07:00नहीं पूछता है कोई ,तुम व्रती ,वीर या दानी हो
सभी...नहीं पूछता है कोई ,तुम व्रती ,वीर या दानी हो <br />सभी पूछते मात्र यही ,तुम किस कुल के अभिमानी हो<br />मगर, मनुज क्या करे? जन्म लेना तो उसके हाथ नहीं<br />चुनना जाति और कुल अपने बस की तो है बात नहीं<br /> 'दिनकर'alka mishrahttps://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.com